“कैंप में मुझे बहुत से दोस्त भी मिले जिन्हे मैं नहीं भूल सकती”
मेरा नाम मौलिश्री शर्मा है । मैं बिलासपुर में रहती हूं । मैं अभी फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रही हूं। यह कैंप मेरा पहला कैंप था । और मुझे यहां आके बहुत अच्छा लगा और बहुत कुछ सीखने को मिला । मैं लोगो से पहले से बात करने में हिचकिचाती थी लेकिन वहां मुझे ऐसा कुछ नहीं लगा ।सभी लोग बहुत ही अच्छे थे ।सारे मेंटर बहुत अनुभवी थे व हमे रोज रोज नई नई चीजें सीखने और जानने को मिलती थी । कैंप के शुरुआत में हमे अपना नाम नही बताना था और अपने आपको इंट्रोड्यूस करना था की हमे सबसे ज्यादा क्या पसंद है और किस चीज से सबसे ज्यादा गुस्सा आता है । फिर बाद में हमे एक खाली id card दे दिया और कहा कि इसमें अपने पसंद का अपना नाम लिखो बड़ा बड़ा और जो नाम तुम्हारे मम्मी पापा ने दिया है उसे छोटा लिखो ।इस कैंप की थीम जर्नी inwards थी इसका मतलब की आप अपने आप को जाने और खोजे और थोड़ा समय दें।
कैंप में हर दिन की अलग अलग values थी और रोज कुछ नया सिखाती थी। हम आमतौर पर घरों में जिन विषयों पर बात नहीं करते हैं उनकी जरूरत और वह कितनी महत्वपूर्ण है ये बताया । हम सुबह जल्दी उठ कर एक्सरसाइज करते थे और फिर कुछ श्रमकार्य करते थे जिसमे या तो किचन में काम या साफ सफाई का काम या फिर खेत में कुछ काम करते थे ।
एक और बहुत अच्छी थी की हमे चार टीम में बांट दिया था । और हम जो भी काम करते थे वो टीम में करते थे ।
टीम में काम करने से काम आसान हो जाता है और बहुत सारे नए नए ideas आते हैं और सब के सोचने का तरीका पता चलता है ।
कैंप में मुझे बहुत से दोस्त भी मिले जिन्हे मैं नहीं भूल सकती । सभी अलग अलग कार्यक्षेत्र से थे लेकिन सभी कुछ न कुछ अच्छा करना चाहते थे ।